मानव हृदय कैसे काम करता है? Aur kuchh mahatvpurn jankariyan

 

हमारे शरीर का सबसे मुख्य भाग है,(हृदय) जो कि हमारे शरीर मे फेफड़ों के बीच हृदयवरण मे सुरक्षित रहता है। इसका  300 ग्राम होता है। 
यह हमारे शरीर का सबसे व्यस्त अंग है। 

हृदय कैसे कार्य करता है:-    

मानव हृदय 4 कोष्ट(chamber) का बना होता है। एक भाग में दायाँ अलिंद(right auricle) एवं बाया (left auricle) अलिंद होता है हृदय के पिछले भाग में एक दायाँ नीलय (right ventricle) तथा एक बायाँ नीलय(left ventricle) होता है। 

हृदय के दायाँ भाग मे अशुद्ध रक्त यानी कार्बन डाईअक्साइड से युक्त रक्त और  बायाँ भाग मे शुद्ध रक्त यानी ऑक्सीजन से युक्त रक्त होता है।

हमारे हृदय मे रक्त का आदान प्रदान करने मे शिरा और धमनी सहायता करते है। 

शिरा

शरीर से हृदय की ओर रक्त ले जाने वाली रक्तवाहिनी को शिरा(vein) कहते है। 

इन शिराओ मे अशुद्ध रक्त प्रवाहित होती है। जो कार्बन डाईअक्साइड रक्त से युक्त होती है। जो हृदय के बाय अलिंद मे जाता है। जिसमें रक्त से कार्बन डाईअक्साइड को अलग किया जाता है। 
तथा फेफड़ा से रक्त शिरा के माध्यम से बाय अलिंद मे जाता है। जो शुद्ध रक्त होता है। (यानी ऑक्सीजन से युक्त रक्त होता है।) 

धमनी

हृदय से शरीर की ओर रक्त ले जाने वाली रक्तवाहिनी को धमनी(artery) कहते है।

धमनी में शुद्ध रक्त प्रवाहित होती है। जो ऑक्सीजन से युक्त होती है। हृदय से शुद्ध रक्त धमनी की सहायता से पूरे शरीर मे पहुँचती है। 

यादि सिरा और धमनी मे रक्त का आने जाने मे दिक्कत होता है तो उसी कारण से हार्ट अटैक होता है। 

हृदय के बारे मे कुछ महत्वपूर्ण जानकारी:-
  • हृदय के संकूचंन एवं शिथिलन को सम्मिलित रूप से हृदय की धड़कन कहते है। 
  • समान्य अवस्था में मनुष्य का हृदय एक मिनट मे 72 बार धड़कता है। (पर भ्रूण मे 150 बार धड़कता है।) 
  • मनुष्य का हृदय,हृदयावरण नामक थैली में सुरक्षित रहता है। 
  • हृदय एक बार मे 70 मिली. रक्त पम्प करता है। 
  • समान्य मनुष्य का रक्त दाब 120/80 mmhg होता है। 
  •  रक्त मे उपस्थिति अम्लियता हृदय की गति को बढ़ाती है। और रक्त मे उपस्थिति छारीयता हृदय की गति को काम करती है। 


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