Manav kankal tantra Puri jaankari ? Manav kankal Tantra ki puri Jankari in Hindi



कंकाल शरीर को ढाँचा प्रदान करता है तथा शरीर के नाजुक अंगो की सुरक्षा करता है कंकाल की सहायता से हम खड़ा हो सकते है। 

यह जन्म के समय नवजात शिशु में 270 हड्डियां होती है ,बाल्यावस्था में हड्डियों की संख्या 350 हो जाती है और किशोरावस्था में कुछ हड्डियों के संगलित होने के कारण 206 तक सीमित हो जाती है।

सीधे शब्दों मे कहे तो- (हड्डियों की समूह को कंकाल कहते हैं।) 

Manav kankal tantra

 मानव कंकाल दो प्रकार के होते हैं। 
  1. अक्षीय कंकाल(Appendiculer) 
  2. उपांगी कंकाल (Axial) 
1.अक्षीय कंकाल:-

शरीर के अंदर की नाजुक अंगो की सुरक्षा करने वाला अक्षीय कंकाल कहलाता है। जैसे- खोपड़ी, छाती की अस्थिया तथा कशेरुक दण्ड 
अक्षीय कंकाल में 80 अस्थिया होती है। 
अक्षीय कंकाल
खोपड़ी(skull)

मनुष्य के सिर के अंदर के कंकाल को खोपड़ी कहते है। यह दिमाग (Brain) की रक्षा करता है। इसमें 29 अस्थिया होती है। इसमें 8 अस्थिया पूर्ण रूप से मनुष्य के मस्तिष्क की रक्षा करता है।
इन अस्थिया से बनी रचना को कपाल कहते है। कपाल की सभी अस्थिया सीवनो (sutures) की सहायता से जुड़ी होती है। इनके अतिरिक्त 14 अस्थिया चेहरों को बनाती है। 6 अस्थिया कान को। हाँयड नामक एक अस्थि खोपड़ी मे होती है। 

छाती की अस्थिया(Rib Cage)

यह हमारी छाती के अंदर पाई जाने वाली लंबी,चापदार हड्डियाँ होती है यह एक पिंजड़े की तरह होता है
Manav kankal ki pasliyan




















जिसेके अंदर फेफड़ा,हृदय,श्वास नली,ग्रास नली आदि अंग रहते है। यह हड्डियाँ इन अंगो की सुरक्षा प्रदान करती हैं। सांस लेने पर यह हड्डियाँ फैलती सिकुडती रहती है। 
छाती की अस्थिया की संख्या 24 होती है। 

कशेरुक दण्ड

इसे हम रीढ की हड्डी या मेरुदंड (backbone) भी कहते है। यह पीट के हड्डियों का समूह है। जो हमारे मस्तिष्क के पिछले भाग से निकलकर गुदा के पास तक जाता है। इसके अंदर मेरुनाल मे मेरुरज सुरक्षित रहता है। 
मनुष्य का रीढ की हड्डी 33 अस्थियो से मिलकर बना है। सभी अस्थिया उपस्थिति  गदिदयो के द्वारा जुड़े रहते है। इन गदिदयो से रीढ की हड्डी लचीला रहता है। 

रीढ की हड्डी के कार्य
  • यह गर्दन तथा धड़ को आधार प्रदान करता है । 
  • यह मनुष्य को खड़े होकर चलने, खड़े होने आदि मे मदद करता है। 
  • गर्दन व धड़ को लचक प्रदान करता है। जिसेसे मनुष्य किसी भी दिशा मे अपने गर्दन और धड़ को मोड़ने मे सफल होता है। 
  • यह मेरुरज्जु को सुरक्षा प्रदान करता है। 
2.उपांगी कंकाल

शरीर के बाहर की हड्डी को उपांगी कंकाल कहते हैं। जिसके सहायता से हम चल,फिर आदि कार्य सकते है। जैसे- हाथ, पैर
इसकी संख्या 126 होती है
हाथों मे पाए जाने वाले हड्डियों की संख्या 30 होती है। और पैरों मे पाए जाने वाली हड्डियों की संख्या

कंकाल तंत्र के कार्य
  • कंकाल तंत्र शरीर को निश्चित आकार प्रदान करता है
  • कंकाल तंत्र शरीर के कोमल अंगो की सुरक्षा प्रदान करता है। 
  • कंकाल तंत्र पेशियो के जोड़ने का आधार प्रदान करता है। 
  • लाल रक्त कणिकाएं का निर्माण होता है। 
कंकाल तंत्र से जुड़े महत्वपूर्ण जानकारी

  • जांग की हड्डी फीमर शरीर की सबसे बड़ी हड्डी होती है। 
  • कान की हड्डी स्टेप्स शरीर की सबसे छोटी हड्डी होती है। 
  • अस्थि से अस्थि के जोड़ को लिंगामेंटस कहते है। 
  • मांसपेशियां और अस्थि के जोड़ को टेंडन कहते  है। 

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