Judva bacche ka Janm kaise hota hai ?

Do You know: कैसे पैदा होते हैं जुड़वा बच्चे? जानें इसके पीछे का साइंस

माता-पिता बनने की इच्छा, हमारे जीवन के सबसे अनुभवी और सुखद पलों में से एक होती है। यह एक ऐसी यात्रा होती है जिसे हम बेहद प्यार और उत्साह के साथ आनंदित करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बच्चे कैसे पैदा होते हैं? और जुड़वा बच्चे कैसे पैदा होते हैं? चलिए, इस अद्भुत और जटिल प्रक्रिया की जांच करते हैं। 

How are twins formed: आमतौर पर महिला एक समय में एक ही बच्चे को जन्म देती है. कई बार ऐसा भी होता है कि महिला दो या दो से अधिक बच्चों को भी जन्म देती है

व्रिजे यूनिवर्सिटी

जिन महिलाओं के जुड़वा बच्चे होते हैं उन पर जीन का प्रभाव रहता है। नीदरलैंड के व्रिजे यूनिवर्सिटी के बॉयोलॉजिकल साइकोलॉजिस्ट डोरेट बूमस्मा के मुताबिक यदि आपके वंश में किसी के जुड़वा बच्चे हुए है तो आपके भी हो सकते हैं। ये एक तरह की अनुवांशिक प्रक्रिया होती है।

  • जुड़वा बच्चे भी दो प्रकार के होते हैं। पहला जिसे डायजाइगॉटिक कहते हैं। जिसे आम भाषा में भ्रातृ जुड़वा कहते हैं। इसमें पैदा हुए बच्चे दो लड़के व दो लड़कियां व एक लड़का और एक लड़की हो सकते हैं। इनकी आदतें तो काफी कुछ एक जैसी होती हैं, लेकिन इनकी शख्ल में थोड़ा अंतर रहता है।
  • वहीं जुड़वा बच्चों का दूसरा प्रकार है मोनोजाइगॉटिक। इसे आम भाषा में अभिन्न जुड़वा भी कहते है। इस प्रक्रिया के तहत जन्म लेने वाले बच्चे हूबहू एक जैसे दिखते हैं। इनके नेचर से लेकर इनके लुक तक सब कुछ एक समान रहता है। इसलिए इनके बीच पहचान करना बहुत मुश्किल हो जाता है।


डायजाइगॉटिक 

डायजाइगॉटिक जुड़वा बच्चों का निर्माण तब होता है जब स्त्री दो अलग-अलग पुरुषों के शुक्राणु से दो अलग अंडकोशिका में शुक्राणुओं को निषेचित करती है। वहीं कई बार हार्मोनल इंबैलेंस की वजह से भी स्त्री के गर्भ में दो अंडे बनते हैं।

इन अंडों के बनने की प्रक्रिया स्त्री और पुरुष के एक बार संबंध बनाते ही सक्रिय हो जाते हैं। डायजाइगॉटिक प्रक्रिया के तहत जन्म लेने वाले बच्चों का जन्म कुछ सेकेंड व मिनट के अंतराल पर होता है। क्योंकि दोनों बच्चे दो अलग—अलग अंडों में होते हैं। इसलिए पहले एक बच्चे का जन्म होता है, इसके बाद दूसरे बच्चे का।


मोनोजाइगॉटिक

मोनोजाइगॉटिक बच्चों के जन्म के तहत एक शुक्राणु दो हिस्सों में बंट जाता है। इस कारण इनकी शक्ल, कद-काठी और व्यवहार एक जैसा ही होता है। ऐसे बच्चों का जन्म अनुवांशिक असर के चलते होता है। अगर परिवार में किसी के ऐसे जुड़वा बच्चे हैं तो आपके भी ऐसे होने की संभावना रहती है।


अमेरिकन कॉलेज अफ अब्स्टेट्रिक्स एंड गाइनोकॉलजी में छपी एक स्टडी के मुताबिक जिन महिलाओं का बीएमआई 30 या उससे ज्यादा होता है उनके भी जुड़वा बच्चे होने की संभावना रहती है। इसके अलावा उम्र बढ़ने पर भी महिलाओं के जुड़वा बच्चे होने की आशंका रहती है।

fact

यूं तो गर्भधारण रोकने के लिए महिलाएं गर्भ निरोधक गोलियां खाती हैं, लेकिन इन दवाइयों के सेवन से भी जुड़वा बच्चों का जन्म हो सकता है। दरअसल कुछ समय बाद इन दवाइयों को लेना बंद करने से कई बार हार्मोनल इंम्बैलेंस हो जाता है। जिसके चलते दो बच्चे पैदा होते हैं।

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